वाद संवाद हिन्दी पत्रिका की जब मैंने जामिआ मिल्लिया इस्लामिया में अध्ययन के दौरान शुरु किया था तो एक सपना यह भी देखा था कि मैं इसका वेब संस्करण भी निकालूं, लेकिन संसाधन की कमी की वजह से ऐसा हो नहीं पाया. संचार माध्यमों की विकास ने तो जैसे हमें सारा आकाश ही दे दिया है. जब से ब्लॉग की शुरुआत हुई है. हमें लगता है कि हमारे सपने पूरे हो गये हैं. हिन्दी में ब्लॉगिंग को बढ़ावा देने में जिन लोगों ने अपना योगदान दिया है, उसे भूलाया नहीं जा सकता.
मोहल्ला वाले अविनाश भैया का मैं ऋणी हूं जिन्होंने मुझे ब्लॉग बनाना सीखाया और इसके लिए मुझे प्रोत्साहित किया. हिन्दी में ब्लॉग से जरिये एक नयी दुनिया से मेरा सम्पर्क हुआ. एक ऐसा मंच मिला जहां से मैं अपने मन की बात सारी दुनिया के सामने रख सकता हूं. और लोगों से उनकी दिल की बात दूसरों तक पहुंचा सकता हूं.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment